पिता एक अदृश्य नायक

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 पिता अदृश्य नायक होता वह कभी हिम्मत बन हमारे साथ होता वह मुश्किल वक्त में भी धैर्य नहीं खोता वह काम की मजबूरी के कारण हमारे साथ नहीं होता वह छिपकर ...

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